Founder and Co-founder in Hindi

हेलो दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे founder and co-founder in hindi,फाउंडर और को फाउंडर किसे कहते हैं दोनों में क्या अंतर होता है! 

अक्सर हमने देखा है बहुत से लोगों को confusion होता है founder और co-founder को लेकर, और बहुत से लोग को founder और co-founder में क्या अंतर है वह पता नहीं होता है 

तो आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे फाउंडर किसे कहते है और कोफाउंडर  किसे कहते हैं है और यह दोनों में क्या अंतर होता है तो चलिए शुरू करते हैं 

founder and cofounder in hindi

फाउंडर किसे कहते हैं – founder kise kahte hai?

किसी भी कंपनी को शुरू करने वाले व्यक्ति को फाउंडर कहते हैं  जो कंपनी का शुरुआत करता है  और आप फाउंडर को उस कंपनी के मालिक भी बोल सकते हैं, पर कंपनी का सारा डिसीजन अकेला फाउंडर नहीं ले सकता है उसे ही फाउंडर कहते हैं!

 को फाउंडर किसे कहते हैं – co-founder kise kahte hai?

किसी भी कंपनी को शुरू करने वाले व्यक्ति को फाउंडर कहते हैं यह तो हमें पता है पर किसी भी कंपनी को शुरू करने के लिए किसी पार्टनर का जरूरत होता है जिसका हक कंपनी में उतना ही होता है जितना एक फाउंडर का होता है क्योंकि वह दोनों मिलकर कंपनी को चलाते हैं और जो कंपनी का सेकंड पार्टनर होता है उसे ही हम को को फाउंडर कह सकते हैं, पर ऐसा नहीं है कि कोई भी व्यक्ति अकेला कोई कंपनी  शुरू नहीं कर सकता या निर्भर करता उस व्यक्ति पर,

चलिए हम आपको एक उदाहरण से समझाने की कोशिश करते हैं,

 रोहन नाम का व्यक्ति होता है उसको एक आइडिया आता है वह एक कंपनी शुरू करना चाहता है पर उसके पास उतना पैसा नहीं रहता है  कि वह कंपनी को शुरू करने के लिए पूरा पैसा लगा सके इसलिए वह यह आइडिया लेकर अपने दोस्त  सोहन के पास जाता है और उससे कहता है कि मेरे पास एक अच्छा सा आईडिया है जिससे हम एक कंपनी शुरू कर सकते हैं वह अपने दोस्त को समझाता है

 उसका दोस्त सोहन समझ जाता है फिर वह दोनों मिलकर कंपनी का शुरुआत करता है तो यहां पर,उस कंपनी का फाउंडर रोहन होता है जबकि उस कंपनी का को फाउंडर सोहन होता है

 क्योंकि कंपनी का आईडिया रोहन का रहता है और कंपनी शुरू करना चाहता है फिर वह अपने दोस्त सोहन के पास जाता है  यह आइडिया लेकर और सोहन इस कंपनी को शुरू करने में  रोहन का साथ देता है और दोनों मिलकर इस कंपनी को शुरू करता है इसलिए सोहन इस कंपनी का को फाउंडर कहलाता है!

फाउंडर और को फाउंडर में क्या अंतर होता है – founder aur co-founder difference in hindi

फाउंडर उसे कहते हैं जो आईडिया को जनरेट करता है और जबकि को फाउंडर उसे कहते हैं जो वह आइडिया को पूरा(accomplished) करता है 

जितना हक फाउंडर को होता है किसी कंपनी में उतना ही हक को फाउंडर का भी होता है

 फर्क बस इतना होता है कि किसी बिजनेस का आईडिया या किसी बिजनेस को शुरुआत एक फाउंडर करता है जबकि को फाउंडर का काम उस कंपनी को आगे ले जाना,चलाने का काम होता है !

 

Businessman और Entrepreneur मैं क्या अंतर है?

 

FAQ

Q : क्या कंपनी का फाउंडर खुद से सारा डिसीजन ले सकता है?

A : नहीं,किसी भी कंपनी का फाउंडर कोई भी डिसीजन अकेले नहीं ले सकता !

Q : क्या कोई भी कंपनी  के लिए फाउंडर और को फाउंडर होना जरूरी है?

A : नहीं,ऐसा जरूरी नहीं है जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी का शुरुआत करता है तो उस कंपनी का कोफाउंडर भी होता है बहुत सारे entrepreneur कंपनी को अकेले शुरू करते हैं बाद में जब कंपनी बड़ी हो जाती है तब उन्हें कंपनी को और आगे ले जाने के लिए एक अच्छे कोफाउंडर की जरूरत होती है तब वह अपनी कंपनी के लिए एक सही कोफाउंडर को चुनते हैं !

 

Conclusion-

आज के इस पोस्ट में हमने बात की है founder and co-founder in hindi के बारे में,किसे कहते हैं,दोनों में क्या अंतर होता है!

 उम्मीद करता हूं यह पोस्ट आपको पसंद आया हो या अभी भी आपके मन में कोई सवाल रह गया हो तो कमेंट करके आप पूछ सकते हैं !